संत पापा रूसी तीर्थयात्रियों से: हम में से प्रत्येक कलीसिया के निर्माण में एक जीवित पत्थर है
वाटिकन न्यूज़
वाटिकन सिटी, शुक्रवार 17 अक्टूबर 2025 : शुक्रवार 17 अक्टूबर को संत पापा लियो14वें ने वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में रुस से तीर्थयात्रा पर रोम आये काथलिक विश्वासियों के एक समूह से मुलाकात की। संत पापा ने उनका स्वागत करते हुए कहा, “काथलिक कलीसिया द्वारा मनाया जा रहा पवित्र वर्ष हमें तीर्थयात्रा के लिए आमंत्रित करता है, क्योंकि "यात्रा पर निकलना उन लोगों की विशेषता है जो जीवन का अर्थ खोजते हैं।" इस मौसम में, हम हज़ारों लोगों को शाश्वत नगर रोम की सड़कों पर पवित्र द्वार से गुज़रते, प्रेरितों और शहीदों की समाधियों पर रुकते और रोम में फैले विश्वास के अनेक पथों पर अपने हृदयों को आशा से भरते हुए देखते हैं।”
संत पापा ने कहा कि प्राचीन रोमन सभ्यता के स्मारकों के साथ-साथ, महागिरजाघर, गिरजाघर, मठ और लोगों के हृदय में निहित जीवंत आस्था के कई अन्य मूर्त चिह्न मौजूद हैं, जो अंतःकरण को बदलने और अच्छाई की प्रेरणा देने में सक्षम हैं। इस प्रकार, यह शहर मानव अस्तित्व का प्रतीक हो सकता है, जो अतीत के अनुभवों, पीड़ा, अनिश्चितता और चिंता के "खंडहरों" के साथ जुड़ा हुआ है, उस विश्वास के साथ जो प्रतिदिन बढ़ती है और दया के कार्यों में सक्रिय होती है, और उस आशा के साथ जो हमें निराश नहीं करती और प्रोत्साहित करती है, क्योंकि पाप और शत्रुता के बावजूद, खंडहरों पर भी, प्रभु एक नई दुनिया और नवीनीकृत जीवन का निर्माण कर सकते हैं।
कलीसिया के निर्माण हेतु जीवित पत्थर
संत पापा ने कहा, “रोम की पवित्र इमारतें आध्यात्मिक वास्तविकता को उद्घाटित करती हैं: कि बपतिस्मा के संस्कार के माध्यम से, हम भी "एक आध्यात्मिक घर के निर्माण के लिए, एक पवित्र पुरोहिताई के लिए, येसु मसीह के माध्यम से ईश्वर को स्वीकार्य आध्यात्मिक बलिदान चढ़ाने के लिए जीवित पत्थरों के रूप में उपयोग किए जाते हैं। हाँ, यह सच है, हम में से प्रत्येक कलीसिया की इमारत में एक जीवित पत्थर है। प्रभु द्वारा सही जगह पर रखा गया प्रत्येक पत्थर, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, पूरी संरचना की स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।"
ख्रीस्तीय जीवन की यात्रा जारी रखना
संत पापा ने इस जयंती तीर्थयात्रा के बाद, अपनी मातृभूमि में अपनी पल्ली और स्थानीय कलीसिया के साथ मिलकर ख्रीस्तीय जीवन की यात्रा जारी रखने के लिए प्रेरित किया। संत पापा ने कहा, “यह कभी न भूलें कि आप सभी अपनी स्थानीय कलीसिया के लिए ज़िम्मेदार हैं और "एक दूसरे का भार" उठाते हैं (गलातियों 6:2)। आपके परिवार, आपकी पल्ली और धर्मप्रांतीय समुदाय, उन सभी लोगों के लिए प्रेम, बंधुत्व, एकजुटता और आपसी सम्मान का उदाहरण बनें जिनके बीच आप रहते हैं, काम करते हैं और अध्ययन करते हैं। इस प्रकार, वास्तव में, ख्रीस्तीय प्रेम की अग्नि प्रज्वलित हो सकती है, जो कठोरतम ठंडे हृदयों को गर्म कर सकती है।”
ज़रूरतमंदों की सहायता
संत पापा ने उन्हें याद दिलाते हुए कहा कि एक साल पहले संत पापा फ्राँसिस ने “सालुस पोपुली रोमानी” के प्रतीक को आशीर्वाद दिया था और इसे रुस की स्थानीय गरजाघर को दान कर दिया था, ताकि यह पवित्र वर्ष का प्रतीक बन सके। रूस के सभी काथलिक धर्मप्रांतों में इस प्रतीक की तीर्थयात्रा उनके और उनके परिवारों, विशेषकर बीमारों और पीड़ितों के लिए सांत्वना का स्रोत बने। ज़रूरतमंदों की सहायता और सांत्वना के शब्दों के माध्यम से ईश्वर से मिलने की आशा प्राप्त करने का एक निमंत्रण भी बने।
अंत में संत पापा ने कहा, “ईश्वर की माता और शांति की रानी, धन्य कुँवारी मरियम, जो हमेशा विश्वास और आशा की तीर्थयात्रा में हमारे आगे चलती हैं, आपको आपके आह्वान और ख्रीस्तीय जीवन के पथ पर निरंतर आगे बढ़ाती रहें!”
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