अर्थव्यवस्था को पुनः आरंभ करना: जयंती के आलोक में अर्थशास्त्र पर पुनर्विचार
वाटिकन न्यूज
कास्टेल गंडोल्फो, बुधवार 05 नवंबर 2025 : जब अर्थव्यवस्था रुक जाती है तो क्या होता है? हम शेयर सूचकांकों या व्यापक आर्थिक आंकड़ों की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि हमारी आर्थिक प्रणालियों की गहरी दिशा की बात कर रहे हैं: हम उन्हें जो अर्थ देते हैं, जिस दिशा में वे हमें ले जाते हैं।
रुकना अलाभकारी लग सकता है। फिर भी, बाइबिल का जुबली हमें यही बताता है: एक ऐसा समय जब स्वामित्व के तंत्र बाधित होते हैं, कर्ज माफ किए जाते हैं, जमीन को आराम मिलता है, और गुलामों को मुक्त किया जाता है। एक ऐसा समय जो सामान्य तर्क को पलटकर हमें याद दिलाता है कि अर्थव्यवस्था एक साधन है, लक्ष्य नहीं।
क्या हो अगर उस प्राचीन जुबली में किसी और संभावित अर्थव्यवस्था के निशान हों? एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो सीमाओं को स्वीकार करती हो, जो समय या लोगों का उपभोग न करे, जो देखभाल और रिश्तों के लिए फिर से जगह बनाए।
एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो पृथ्वी की देखभाल के लिए धीमी हो जाती है, जो श्रम को थकावट से मुक्त करती है, जो कर्ज को सजा के रूप में नहीं, बल्कि एक घाव के रूप में देखती है जिसे भरना है। एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो पर्याप्तता के मूल्य को फिर से खोजती है—न केवल विकास में, बल्कि सहन करने, साझा करने और त्याग करने की क्षमता में भी।
यह अर्थव्यवस्था को पुनः आरंभ करने के पीछे का दृष्टिकोण है, जो फ्राँसिस की अर्थव्यवस्था द्वारा प्रवर्तित वैश्विक सम्मेलन है, जो 28 से 30 नवंबर, 2025 तक कास्टेल गंडोल्फो में आयोजित हो रहा है।
फ्राँसिस की अर्थव्यवस्था एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
फ्राँसिस की अर्थव्यवस्था युवा अर्थशास्त्रियों, उद्यमियों और परिवर्तनकर्ताओं का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है, जिसकी शुरुआत 2019 में संत पापा फ्राँसिस के निमंत्रण पर हुई थी। यह हर महाद्वीप के उन लोगों को एक साथ लाता है जो वास्तविक, स्थानीय अनुभव से शुरुआत करते हुए एक अधिक न्यायसंगत, समावेशी और टिकाऊ अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह कोई पारंपरिक सम्मेलन नहीं, बल्कि श्रवण, संवाद और कल्पना की एक अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशाला होगी। एक ऐसा स्थान जहाँ विविध पृष्ठभूमि के युवा तीन प्रमुख शब्दों: विश्राम, मुक्ति और पुनर्स्थापना के इर्द-गिर्द एक साथ यात्रा करेंगे। यह सामूहिक चिंतन एक जीवंत समुदाय में निहित है जो न केवल विचारों को साझा करता है, बल्कि अपने-अपने संदर्भों में नए आर्थिक मॉडल बनाकर उन्हें प्रतिदिन परखता भी है।
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