खोज

आमदर्शन समारोह में पोप लियो 14वें आमदर्शन समारोह में पोप लियो 14वें   (AFP or licensors)

आमदर्शन में पोप : ख्रीस्त का पुनरूत्थान मानव इतिहास के अंधेरे में आशा लाता है

बुधवारीय आमदर्शन समारोह के दौरान अपनी धर्मशिक्षा में पोप लियो 14वें ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ख्रीस्त का पुनरुत्थान हमारे दैनिक जीवन को दिशा दे सकता है, अर्थ की हमारी प्यास को तृप्त कर सकता है, और विश्व में आशा का संचार कर सकता है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार, 5 नवम्बर 2025 (रेई) : पोप लियो 14वें ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के दौरान ख्रीस्त के पुनरुत्थान पर अपनी धर्मशिक्षा जारी रखते हुए ख्रीस्त के पुनरूत्थान में हमारी आशा पर चिंतन किया।

पोप ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, “प्रिय भाइयो और बहनो, सुप्रभात! येसु का पास्का एक ऐसी घटना है जो किसी दूर अतीत की नहीं, बल्कि मानव इतिहास की कई अन्य घटनाओं की तरह अब परंपरा में समाहित हो गई है। कलीसिया हमें हर साल पास्का रविवार और हर दिन यूखरिस्तीय समारोह में पुनरुत्थान का जीवंत स्मरण करने की शिक्षा देती है, जिसके दौरान पुनर्जीवित प्रभु की यह प्रतिज्ञा पूरी तरह साकार होती है: "याद रखो, मैं दुनिया के अंत तक सदा तुम्हारे साथ हूँ।" (मत्ती 28:20)

संत पापा ने कहा, “इसी कारण, पास्का रहस्य ख्रीस्तीय जीवन की आधारशिला है, जिसके इर्द-गिर्द अन्य सभी घटनाएँ घूमती हैं।” इसलिए बिना किसी भावुकता के, हम कह सकते हैं कि हर दिन पास्का है। पर किस तरह से?

मानव हृदय की लालसा

उन्होंने कहा, “हर क्षण, हमें कई अलग-अलग अनुभव होते हैं: दर्द, पीड़ा, उदासी, जो आनंद, आश्चर्य और शांति से जुड़े होते हैं। लेकिन हर परिस्थिति में, मानव हृदय पूर्णता, गहन आनंद की कामना करता है। बीसवीं सदी की एक महान दार्शनिक, क्रूस की संत तेरेसा बेनेदिक्ता, जिनका जन्म एडिथ स्टाईन के रूप में हुआ था, जिन्होंने मानव व्यक्तित्व के रहस्य का गहराई से अध्ययन किया, हमें पूर्णता की निरंतर खोज की इसी गतिशीलता की याद दिलाती हैं। वे लिखती हैं, "मनुष्य हमेशा चाहता है कि उसे कुछ नया दिया जाए, ताकि वह उस पल का लाभ उठा सके, जब उसे दिया जाता है और साथ ही, उससे ले लिया जाता है।" हम सीमाओं के दायरे में रहते हैं, लेकिन हम उसे पार करने का प्रयास भी करते हैं।

आमदर्शन समारोह
आमदर्शन समारोह   (ANSA)

इतिहास में सबसे आनंदमय समाचार

पास्का की घोषणा, इतिहास में अब तक का सबसे सुंदर, आनंदमय और अभिभूत करनेवाला समाचार है। यह सर्वोत्कृष्ट "सुसमाचार" है, जो पाप पर प्रेम की और मृत्यु पर जीवन की विजय की पुष्टि करता है, और यही कारण है कि यह एकमात्र ऐसी चीज है जो अर्थ की उस माँग को पूरा कर सकती है जो हमारे मन और हृदय को व्यथित करती है। मनुष्य एक आंतरिक गति से प्रेरित होते हैं, एक ऐसे गण्तव्य की ओर प्रयास करते हैं जो उन्हें निरंतर आकर्षित करता है। कोई भी आकस्मिक चीज हमें संतुष्ट नहीं करती। हम अनंत और शाश्वत की ओर प्रवृत्त होते हैं। मृत्यु जो दुःख, हानि और असफलता से आती है, इसके अनुभव के विपरीत है। जैसा कि संत फ्राँसिस गाते हैं, "नुल्लू होमो विवेन्ते पो स्कम्पारे" ("कोई भी जीवित व्यक्ति मृत्यु से बच नहीं सकता") (सूर्य का भजन)।

येसु जीवित प्रभु हैं

उस सुबह के साथ सब कुछ बदल गया, जब महिलाएँ प्रभु के शरीर का विलेपन करने कब्र पर गईं और उसे खाली पाया। पूर्व से येरूसालेम आए ज्योतिषियों द्वारा पूछा गया प्रश्न: "यहूदियों के नवजात राजा कहाँ हैं?" (मत्ती 2:1-2), इसका निश्चित उत्तर श्वेत वस्त्र पहने उस रहस्यमय युवक के शब्दों में मिलता है, जो पास्का की सुबह महिलाओं से कहता है: "आप लोग ईसा को ढूँढ़ रही हैं, जो क्रूस पर चढ़ाये गये थे।

वे यहाँ नहीं हैं। वे जी उठे हैं।” (मती. 16:6)

उस सुबह से लेकर आज तक, हर दिन, येसु ‘जीवित’ पुकारे जाते हैं, जैसा कि उन्होंने प्रकाशना ग्रंथ में स्वयं को प्रस्तुत किया है: "प्रथम और अन्तिम मैं हूँ। मैं मर गया था और देखो, मैं अनन्त काल तक जीवित रहूँगा।" (प्रकाशना ग्रंथ 1:17-18) और उनमें, हमें हमेशा उस दिशासूचक को खोजने का आश्वासन मिलता है जिसकी ओर हम अपने अस्त-व्यस्त जीवन को निर्देशित कर सकते हैं, जो अक्सर भ्रामक, अस्वीकार्य और समझ से परे प्रतीत होनेवाली घटनाओं से भरा है: बुराई के विविध रूप, दुःख, मृत्यु, और ऐसी घटनाएँ जो हम सभी को प्रभावित करती हैं। पुनरुत्थान के रहस्य पर मनन करने से, हमें अर्थ की अपनी प्यास का उत्तर मिलता है।

हमारी नाजुक मानवता के सामने पास्का घोषणा

हमारी नाजुक मानवता के सामने, पास्का की घोषणा देखभाल और चंगाई बन जाती है, जो जीवन द्वारा व्यक्तिगत और वैश्विक स्तर पर प्रतिदिन प्रस्तुत की जानेवाली भयावह चुनौतियों के सामने आशा का पोषण करती है। पास्का के परिप्रेक्ष्य में, क्रूस का मार्ग, प्रकाश के मार्ग, में रूपांतरित हो जाता है। हमें पीड़ा के बाद के आनंद को ग्रहण करने और उस पर मनन करने की आवश्यकता है, ताकि पुनरुत्थान से पहले के सभी चरणों को नए प्रकाश में पुनः याद किया जा सके।

आमदर्शन समारोह
आमदर्शन समारोह   (@Vatican Media)

पास्का क्रूस को समाप्त नहीं करता, बल्कि उस चमत्कारी द्वंद्व में उसे पराजित करता है जिसने हमारे मानव इतिहास को बदल दिया। हमारा समय भी, जो इतने सारे क्रूसों से चिह्नित है, पास्का की आशा के उदय का आह्वान करता है। मसीह का पुनरुत्थान एक विचार या सिद्धांत नहीं है, बल्कि वह घटना है जो विश्वास का आधार है। पुनर्जीवित प्रभु, पवित्र आत्मा के माध्यम से हमें निरंतर इसकी याद दिलाते रहते हैं, ताकि हम उनके साक्षी बन सकें, तब भी जब मानव इतिहास क्षितिज पर प्रकाश नहीं देख पाता। पास्का की आशा निराश नहीं करती। अपनी दैनिक यात्रा के माध्यम से पास्का में सच्चा विश्वास करने का अर्थ है अपने जीवन में क्रांति लाना, ख्रीस्तीय आशा की कोमल और साहसी शक्ति से दुनिया को बदलने के लिए मन-परिवर्तन करना।

इतना कहने के बाद संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

अभिवादन एवं प्रार्थना

इसके बाद उन्होंने विभिन्न भाषाओं के तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। खासकर, अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों को सम्बोधित करते हुए पोप ने कहा, “मैं आज सुबह सभी अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों और आगंतुकों का हार्दिक स्वागत करता हूँ जो आज के आमदर्शन समारोह में भाग ले रहे हैं, विशेष रूप से इंग्लैंड, आयरलैंड, अंगोला, केन्या, नाइजीरिया, तंजानिया, ऑस्ट्रेलिया, चीन, हांगकांग, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, फिलीपींस, कनाडा और अमेरिका से आये हैं। नवंबर माह में, हम विशेष रूप से मृत विश्वासियों की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। पुनर्जीवित प्रभु उन सभी पर अपनी दया दिखाएँ, और पुनरुत्थान में हमारे विश्वास से उत्पन्न आशा, हमारी नजरों और हृदय को स्वर्ग के आनंद की ओर मोड़ दे। संत पापा ने उन्हें आशीष देते हुए कहा, “ईश्वर आप सभी को आशीष प्रदान करें!”

आमदर्शन समारोह
आमदर्शन समारोह   (ANSA)

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

05 नवंबर 2025, 14:20

ताजा आमदर्शन

सभी को पढ़ें >