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मृत विश्वासी दिवस पर पोप : ईश्वर ने हमारे लिए अनन्त जीवन का मार्ग खोल दिया है

पोप लियो 14वें ने 2 नवम्बर को सब मृत विश्वासियों को समर्पित दिवस के अवसर पर रोम के वेरानो कब्रिस्तान में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए सभी मृत विश्वासियों के लिए प्रार्थना की। उन्होंने याद किया कि "ख्रीस्त के पास्का रहस्य पर आधारित ख्रीस्तीय धर्म, हमें अपनी यादों को, केवल अतीत की स्मृति के रूप में नहीं, बल्कि, उससे बढ़कर, भविष्य के लिए आशा के रूप में अनुभव करने में मदद करता है।"

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, रविवार, 2 नवंबर 2025 (रेई) : चिंतन, आशा, दान और मौन - वेस्पिग्नानी द्वारा उन्नीसवीं शताब्दी में बनाए गए वेरानो के कब्रिस्तान की चार स्मारकीय मूर्तियाँ - पोप के क्वाद्रिपोर्टिको में प्रवेश पर नजर रखती प्रतीत हुईं, जो शहर की सड़कों और इस खुले- संग्रहालय के बीच के मार्ग को चिह्नित करता है, जो अपनी मूर्तियों और ऐतिहासिक-कलात्मक खजानों से भरा  है। यह कब्रस्थान 83 हेक्टेयर में फैला है और अपनी विशिष्ट ऊँची दीवारों से घिरा है जहाँ पोप ने 2 नवंबर की धर्मविधि सम्पन्न की, और अपने पूर्वाधिकारी पोप फ्राँसिस द्वारा 2013 में शुरू की गई परंपरा को जारी रखा।

पोप लियो 14वें कब्रिस्तान के पिंचेत्तो खंड से गुज़रे, वहीं गायक दल की धुन सुनाई दी। पूरे इलाके को सुबह से ही घेर लिया गया था; लगभग 2,500 पुरुष, महिलाएँ, बुज़ुर्ग, धर्मबहनें और पुरोहित क़ब्रों और छोटे मकबरों, मूर्तियों और अंत्येष्टि चैपलों की कतारों से घिरे चौक में अपनी जगह लेने के लिए दौड़ पड़े। कब्रस्थाने में चारों ओर, दुःखित दूत, रोती हुई कुँवारी मरियम, अपने बच्चों को गोद में ली महिलाओं की मूर्तियाँ, प्रतीमाएँ, मेहराब, चैपल, आदि दिखाई दीं। कुछ रंगीन और श्वेत-श्याम तस्वीरें भी हैं, जिनमें से कुछ इस सदी के शुरुआती वर्षों की हैं।

संत पापा ने वेरानो कब्रस्थान में ख्रीस्तयाग के दौरान अपने उपदेश में कहा, "हम यहाँ सभी दिवंगत विश्वासियों की स्मृति में एकत्रित हुए हैं। हम इसे विशेषकर उन लोगों के लिए कर रहे हैं जो इस स्थान पर दफनाए गए हैं, और हमारे अपने प्रियजनों के प्रति विशेष स्नेह प्रकट करने के लिए। हालाँकि वे हमें उसी दिन छोड़ गए जिस दिन उनकी मृत्यु हो गई, फिर भी हम उन्हें अपने हृदय में संजोए रखते हैं, और उनकी स्मृति हमारे दैनिक जीवन में सदैव जीवित रहती है। कुछ चीजें हैं जो उनकी याद कराती हैं, और हम उनके साथ बिताए अपने अनुभवों को याद करते हैं। कई स्थान, यहाँ तक कि हमारे घरों की सुगंध भी, हमें उन लोगों की याद दिलाती है जिन्हें हम प्यार करते थे और जो हमसे पहले चले गए हैं, और उनकी यादों को हमारे लिए जीवंत बनाए रखते हैं।

कब्रों के पास मौन प्रार्थना करते पोप लियो 14वें
कब्रों के पास मौन प्रार्थना करते पोप लियो 14वें   (ANSA)

भविष्य की आशा ख्रीस्त के पुनरूत्थान में

संत पापा ने कहा, “हालाँकि, आज हम केवल उन्हीं लोगों को याद करने के लिए एकत्रित नहीं हुए हैं जो इस दुनिया से चले गए। हमारा ख्रीस्तीय धर्म, जो ख्रीस्त के पास्का रहस्य पर आधारित है, हमें अपनी यादों को केवल अतीत की स्मृति के रूप में नहीं, बल्कि, सबसे बढ़कर, भविष्य की आशा के रूप में भी अनुभव करने में मदद करता है। यह पीछे मुड़कर देखना नहीं है, बल्कि अपनी यात्रा के लक्ष्य की ओर, उस सुरक्षित आश्रय की ओर, आगे देखना है जिसकी प्रतिज्ञा ईश्वर ने हमसे की है, उस अनंत भोज की ओर, जो हमारी प्रतीक्षा कर रहा है, आगे देखना है। वहाँ, पुनर्जीवित प्रभु और अपने प्रियजनों के साथ, हम अनंत भोज का आनंद लेने की आशा करते हैं। जैसा कि हमने नबी इसायस के ग्रंथ से पाठ सुना: "इस पर्वत पर प्रभु सब देशों के लोगों के लिए स्वादिष्ट भोज तैयार करेगा... वह मृत्यु को सदा के लिए समाप्त करेगा।" (25: 6,8)

भविष्य के लिए यह आशा आज हमारी याद और प्रार्थना को जीवंत करती है। यह अपनों से बिछड़ने के दर्द को कम करने का भ्रम नहीं है, न ही यह केवल मानवीय आशावाद है। बल्कि, यह येसु के पुनरुत्थान पर आधारित आशा है, जिन्होंने मृत्यु पर विजय प्राप्त की है और हमारे लिए जीवन की पूर्णता का मार्ग खोल दिया है। जैसा कि मैंने हाल ही में एक धर्मशिक्षा में कहा था, प्रभु "हमारी यात्रा के गंतव्य हैं। उनके प्रेम के बिना, जीवन की यात्रा एक लक्ष्यहीन भटकाव, एक दुखद भूल बन जाएगी जिसका गंतव्य छूट जाएगा... पुनर्जीवित प्रभु हमारे आगमन की गारंटी देते हैं, हमें घर ले जाते हैं, जहाँ हमारी प्रतीक्षा की जाती है, हमें प्यार किया जाता है और बचाया जाता है।" (आमदर्शन, 15 अक्टूबर 2025)

प्रेम मृत्यु पर विजयी है

यह अंतिम गंतव्य, यह भोज जिसके चारों ओर प्रभु हमें एकत्रित करेंगे, प्रेम का एक मिलन होगा। क्योंकि प्रेम के कारण ही ईश्वर ने हमें बनाया है, अपने पुत्र के प्रेम के द्वारा वे हमें मृत्यु से बचाते हैं, और उसी प्रेम के आनंद में, वे चाहते हैं कि हम उनके साथ और अपने प्रियजनों के साथ सदा-सर्वदा जीवित रहें। इसीलिए, जब भी हम प्रेम में रहते हैं और दूसरों के प्रति, विशेषकर सबसे कमजोर और सबसे जरूरतमंदों के प्रति, उदारता दिखाते हैं, तब हम अपने लक्ष्य की ओर यात्रा कर सकते हैं, और अभी भी उन लोगों के साथ एक अटूट बंधन के माध्यम से इसकी आशा कर सकते हैं जो हमसे पहले चले गए हैं। इसके अलावा, येसु हमें इन शब्दों में प्रोत्साहित करते हैं: "... क्योंकि मैं भूखा था और तुमने मुझे खिलाया; मैं प्यासा था और तुमने मुझे पानी पिलाया; मैं परदेशी था और तुमने मुझे अपनाया; मैं नंगा था और तुमने मुझे कपड़े पहनाए; मैं बीमार था और तुमने मेरी देखभाल की; मैं बन्दीगृह में था और तुम मुझसे मिलने आये।" (मत्ती 25:35-36)

प्रेम मृत्यु पर विजय प्राप्त करता है। प्रेम में, ईश्वर हमें हमारे प्रियजनों के साथ एकत्रित करेगा। और, यदि हम प्रेमपूर्वक साथ-साथ चलते हैं, तो हमारा जीवन ही ईश्वर की ओर उठती एक प्रार्थना बन जाता है, जो हमें मृत विश्वासियों के साथ एकाकार कर देता है, हमें उनके और निकट ले जाता है, जबकि हम अनंत जीवन के आनंद में उनसे पुनः मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पोप लियो 14वें
पोप लियो 14वें   (ANSA)

हमारे आँसू पोंछ दे

प्रिय भाइयो और बहनो, भले ही उन लोगों के लिए जो अब हमारे बीच नहीं हैं, हमारा दुःख हमारे हृदय में अंकित है आइए, हम स्वयं को उस आशा से भरने दें जो निराश नहीं करती (रोमियों 5:5)

आइए, हम अपनी दृष्टि पुनर्जीवित मसीह पर केन्द्रित करें और अपने दिवंगत प्रियजनों के बारे में सोचें जो उनके प्रकाश से प्रकाशित हैं। आइए, हम प्रभु के अनन्त जीवन के वादे को अपने हृदय में गूँजने दें। वे मृत्यु को सदा के लिए नष्ट कर देंगे। वास्तव में, उन्होंने पहले ही उस पर विजय प्राप्त कर ली है, अपने पास्का रहस्य के दौरान मृत्यु की घाटी से गुज़रकर हमारे लिए अनन्त जीवन का मार्ग खोल दिया है। इस प्रकार, उनसे जुड़कर, हम भी मृत्यु की घाटी में प्रवेश कर सकते हैं और उससे गुज़र सकते हैं।

प्रभु हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं, और जब हम दुनिया की अपनी यात्रा के अंत में उनसे मिलेंगे, तो हम उनके साथ और अपने उन प्रियजनों के साथ आनन्दित होंगे जो हमसे पहले चले गए हैं। यह प्रतीज्ञा हमें दिलासा प्रदान करे, हमारे आँसू पोंछे, और हमारी दृष्टि को उस भविष्य की आशा की ओर ऊपर उठाए जो कभी फीकी नहीं पड़ती।

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03 नवंबर 2025, 12:39