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नए कारता ओकूमेनिका पर हस्ताक्षर नए कारता ओकूमेनिका पर हस्ताक्षर  

पोप: नया चार्टर ओकूमेनिका यूरोपीय कलीसियाओं की साझा यात्रा का साक्ष्य है

पोप लियो 14वें ने नए कारता ओकूमेनिका पर हस्ताक्षर करनेवालों से मुलाकात की, और विभिन्न ख्रीस्तीय कलीसियाओं के यूरोपीय धर्माध्यक्षों को एक-दूसरे की बात सुनने के लिए आमंत्रित किया ताकि वे मसीह के सुसमाचार का अधिक प्रभावी ढंग से प्रचार कर सकें।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 नवम्बर 2025 (रेई) : पोप लियो 14वें ने बृहस्पतिवार को यूरोपीय कलीसियाओं के सम्मेलन (सीईसी) की संयुक्त समिति और यूरोपीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन परिषद (सीसीईई) के सदस्यों के साथ मुलाकात की।

पोप की यह मुलाकात, यूरोप के ख्रीस्तीय कलीसियाओं के प्रतिनिधियों द्वारा रोम के त्रे फोंताने स्थित मठ में नए चार्टर ओकूमेनिका पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद हुई। यह एक ऐसा दस्तावेज़ है जो यूरोपीय ख्रीस्तीय एकता सहयोग की आधारशिला है।

अपने संबोधन में, पोप ने कहा कि यह अद्यतन दस्तावेज—जिस पर पहले ख्रीस्तीय एकता चार्टर के 25 साल बाद हस्ताक्षर किए गए हैं—यूरोप में ख्रीस्तीयों की निरंतर विकसित होती ख्रीस्तीय एकता यात्रा को संबोधित करने का प्रयास करता है, साथ ही सुसमाचार के प्रचार में समकालीन चिंताओं का भी समाधान करता है।

उन्होंने कहा कि यूरोप में नई पीढ़ियों का जन्म हुआ है और दूर-दूर से लोग आ रहे हैं जो अपने साथ "विविध इतिहास और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियाँ" लेकर आ रहे हैं।

उन्होंने कहा, "हालांकि यूरोप के कुछ हिस्सों में विकास के सकारात्मक और उत्साहजनक संकेत जरूर हैं, लेकिन साथ ही कई ख्रीस्तीय समुदाय खुद को अल्पसंख्यक महसूस कर रहे हैं।"

पोप लियो ने यूरोपीय कलीसियाओं को नई आवाजों और कहानियों को सुनने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि ख्रीस्तीय, "हिंसा और युद्ध के शोर" के बीच संवाद और भाईचारे को बेहतर ढंग से बढ़ावा देना सीख सकें।

उन्होंने कहा, "इन सभी परिस्थितियों में, प्रभु की कृपा, दया और शांति वास्तव में महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि केवल ईश्वरीय सहायता ही हमें इन सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मसीह की घोषणा करने का सबसे विश्वसनीय तरीका दिखाएगी।"

पोप ने इस बात पर जोर दिया कि ईश्वर "अपने पवित्र लोगों से और उनके माध्यम से बात करते हैं," और उन्होंने चार्टर ओकूमेनिका को "यूरोप की कलीसियाओं की हमारे इतिहास को मसीह की नजर से देखने की इच्छा" का प्रमाण बताया।

उन्होंने आगे कहा कि पवित्र आत्मा यूरोपीय ख्रीस्तीयों को उन क्षेत्रों की खोज करने में मदद करेगा जहाँ वे एक साथ सुसमाचार का प्रचार करने में सफल रहे हैं, साथ ही उन समयों की भी जब वे इसमें असफल रहे हैं।

उन्होंने कहा, "चार्टर न केवल तरीके सुझाता है, बल्कि यात्रा के लिए साथियों और आगे बढ़ने के संभावित तरीकों पर भी जोर देता है।" "ऐसा करते हुए, आइए हम पवित्र आत्मा के संकेतों और आश्चर्यों के लिए हमेशा खुले रहें!"

पोप लियो 14वें ने काथलिक कलीसिया की ख्रीस्तीय एकता यात्रा को उसकी धर्मसभा यात्रा से जोड़ा, और बताया कि चार्टर ओकूमेनिका यूरोप में ख्रीस्तीयों की एक-दूसरे को सुनने और सुसमाचार प्रचार के सर्वोत्तम तरीकों को एक साथ समझने की यात्रा पर प्रकाश डालता है।

उन्होंने कहा, "चार्टर को संशोधित करने की प्रक्रिया की एक उल्लेखनीय उपलब्धि समकालीन चुनौतियों पर एक साझा दृष्टिकोण अपनाने और महाद्वीप के भविष्य के लिए प्राथमिकताएँ निर्धारित करने की क्षमता रही है, साथ ही सुसमाचार की अनंत प्रासंगिकता में दृढ़ विश्वास बनाए रखना भी है।"

अंत में, पोप लियो ने उस स्थान की अपनी आगामी यात्रा को याद किया जहाँ 325 में नाइसिया की महासभा हुई थी, जहाँ वे अन्य ख्रीस्तीय समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ प्रार्थना करेंगे।

पोप ने अंत में कहा, "इस जयंती वर्ष में मेरी यह भी इच्छा है कि मैं यूरोप के सभी लोगों को यह संदेश दूँ कि 'येसु ख्रीस्त हमारी आशा हैं', और हमारी आध्यात्मिक यात्रा के अंतिम गंतव्य भी क्योंकि वे ही वह मार्ग हैं जिस पर हमें चलना है।"

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06 नवंबर 2025, 15:29