खोज

सिगनीस विश्व सम्मेलन सियोल में सिगनीस विश्व सम्मेलन सियोल में 

शांति निर्माण हेतु प्रयासरत काथलिक संचारक

सिगनीस का छटवाँ विश्व सम्मेलन दक्षिणी कोरिया के सियोल में 14 से 18 अगस्त को सम्पन्न हुआ। 34 देशों के प्रतिभागी सियोल स्थित सोगांग विश्वविद्यालय में एकत्र हुए थे। उन्होंने 'डिजिटल दुनिया में शांति' विषय पर विचार-विमर्श किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सियोल, बृहस्पतिवार, 18 अगस्त 22 (उकान न्यूज) ˸ विश्वभर के काथलिक सम्प्रषकों ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में एकत्रित होकर डिजिटल तकनीकी का प्रयोग करते हुए बेहतर समाज के निर्माण हेतु विभिन्न रास्तों पर विचार-विमर्श किया।

वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी ने 16 अगस्त को सिगनीस विश्व सम्मलेन के उद्घाटन के अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आधुनिक डिजिटल तकनीकी का प्रयोग अकेलापन दूर करने तथा बेहतर भविष्य के लिए प्रेमपूर्ण संबंध स्थापित करने हेतु किया जा सकता है।   

सिगनीस काथलिक ऑडियो-विज़ुअल संचार विशेषज्ञों का एक वैश्विक मंच है, जिसे वाटिकन द्वारा मान्यता प्राप्त है।

रूफिनी ने पांच महाद्वीपों के करीब 300 मीडिया प्रतिनिधियों की तीन दिवसीय बैठक में अपने मुख्य भाषण में कहा कि डिजिटल तकनीक को मित्र और दुश्मन दोनों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। रूफिनी ने संचारकों को तकनीकी के साथ बेहतर कल के निर्माण की आवश्यकता की याद दिलाते हुए संत पापा फ्राँसिस के एक संदेश को भी साझा किया।

उन्होंने " एक कलीसिया के रूप में, यह समझना हमारे ऊपर है कि हमारे कल को आज से बेहतर बनाने के लिए क्या किया जाए तथा किस तरह नैतिकता के साथ बुनी गई तकनीक, कृतज्ञता, उपहार और साझा करने की भावना से ओतप्रोत वह दिव्य सांस जो हमें चेतन करती है उसे किस तरह समझा जाए।

यह वैश्विक सम्मेलना हर चार साल में आयोजित किया जाता है तथा आम विषयों पर विचार-विमर्स करता, अनुभवों को साझा करता और समाज एवं मीडिया जगत की चुनौतियों का अध्ययन करना एवं समाधान ढूँढ़ने का प्रयास करता है।

सिगनीस के अध्यक्ष हेलेन ओस्मान ने कहा कि संगठन के बोर्ड ने सभी काथलिक विभागों के साथ सिनॉड प्रक्रिया "एक साथ चलने" में प्रवेश करने का निश्चय किया है।

उन्होंने कहा, "जब हम आध्यात्मिक स्तर पर गहराई में उतरते हैं तो हम सुनते हैं, न सिर्फ शब्दों को बल्कि दूसरों के अनुभवों को और हमारा मन, शरीर एवं आत्मा पूरी तरह संचार में सहभागी होता है...सिनॉडल प्रक्रिया संचारकों के द्वारा एकता उत्पन्न करता है।"   

 उन्होंने कहा कि "अधिक से अधिक युवा, स्त्री और पुरूष सभी, मेज पर एक जगह खोज रहे हैं। हम खुश हैं। कुछ युवा पत्रकार हमारे साथ यहाँ हैं और कुछ ऑनलाईन भाग ले रहे हैं।"

"हमें हमारे समाज में उन मूल्यों को फैलाने हेतु प्रयास करते रहना है जो कलीसिया में हैं।"

सियोल के महाधर्माध्यक्ष पीटर चांग सून टेइक ने उम्मीज जातायी कि संचारक, डिजिटल दुनिया और सूचना विभाजन के परिमाण पर पुनर्विचार करेंगे।

उन्होंने कहा, "तकनीकी बांटता, संघर्ष उत्पन्न करता एवं उसे गंभीर बनाता है तथा उसका मुकाबला कराता है।" उन्होंने कहा कि कलीसिया को मानव मुलाकात एवं सभाओं को आकर्षक बनाने हेतु भूमिका अदा करना है। हमें समाज में कलीसिया के अच्छे मूल्यों को बढाना है।" उन्होंने काथलिक संचारकों को इस प्रक्रिया में आगुवाई करने का आग्रह किया।   

संचार के लिए वाटिकन सचिवालय के ईशशास्त्रीय - प्रेरितिक विभाग की निदेशक नतासा गोवेकर ने एक नये दृष्टिकोण अपनाने और लगातार बढ़ती डिजिटल तकनीक में निराशा से आशा की ओर बदलाव पर चर्चा की।

18 अगस्त सिगनीस के सम्मेलन का समापन नये दृष्टिकोण, चेतना एवं संकल्प के साथ किया गया। सम्मेलन के अंत में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि "जब हम इस सम्मेलन को नये दृष्टिकोण, चेतना एवं संकल्प के साथ समाप्त कर रहे हैं, हमें चिंतन करना आवश्यक है। हम एक ऐसी दुनिया में जीते हैं जहाँ 'डिजिटल विभाजन' धनी और गरीब लोगों के बीच खाई बढ़ा रहा है जिससे डिजिटल क्रांति के फलों तक पहुँच में असामनता बढ़ रही है।    

हम महसूस करते हैं कि जैसे-जैसे लोग हाइपर-कनेक्टेड (अत्याधिक जुड़ाव) होते जा रहे हैं, उन्हें चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है, खासकर, यह उन्हें सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और पारिस्थितिक के साथ वियोग, अलगाव, भ्रम और निराशा की ओर भी ले जा रहा है। ऑनलाइन गेम, पोर्नोग्राफ़ी की लत, हिंसा का अत्यधिक खतरा और मीडिया में विभाजनकारी प्रकृति विनाशकारी व्यवहार की ओर ले जाती है।

उन्होंने गौर किया है कि आधुनिक समाज में फेक न्यूज के कारण लोगों के बीच झगड़े हो रहे हैं और समाज के कमजोर वर्ग अक्सर फेक न्यूज के दुष्प्रभाव के शिकार बनते हैं।

तकनीकी के प्रयोग को सुन्दर बनाने का प्रोत्साहन दिया है जैसा कि संत पापा फ्राँसिस कहते हैं, ईश्वर का तरीका है, सामीप्य, सहानुभूति और कोमलता, हमें वेब को विश्वास एवं आशा की सच्चाई और सुन्दरता से सजाना होगा। तकनीकी को नैतिकता और विचारशीलता से भरना होगा।

हमारा मानना है कि जागरूकता पैदा करके एक नए समाज का निर्माण संभव है जो हमें विभिन्न धर्मों, विचारधाराओं, संस्कृतियों और आस्था के लोगों के साथ शांति से मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करता है।

सम्मेलन के प्रतिभागियों ने संकल्प लिया है कि वे हाशिये पर जीवनयापन करनेवाले लोगों पर अधिक ध्यान देंगे तथा उनके संघर्षों में उनका साथ देने के लिए सच्चे और सार्थक जानकारियों के लिए प्रतिबद्ध होंगे।  

उन्होंने मीडिया कर्मियों और नागरिकों से आग्रह किया है कि वे युद्ध और संघर्षरत क्षेत्रों में नागरिकों के मानव अधिकार की रक्षा के लिए कार्य करें। वे केवल समाचार रिपोर्ट करने तक सीमित न रहें बल्कि पीडितों की मदद करें और संघर्ष के समाधान के लिए कार्य करें।   

उन्होंने युवाओं को निमंत्रण दिया है कि वे शांति निर्माण प्रक्रिया में अपना साथ दें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पवित्र आत्मा की नई शक्ति के द्वारा हम डिजिटल दुनिया में शांति प्राप्त कर सकते हैं।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

18 August 2022, 16:37