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2021.11.23 ज़ाम्बिया: सोल्वेज़ी धर्मप्रांत के मिशनरी अनुप्राणदाता 2021.11.23 ज़ाम्बिया: सोल्वेज़ी धर्मप्रांत के मिशनरी अनुप्राणदाता 

प्रोपागांडा फीदे की स्थापना के हुए 400 साल पूरे

16-18 नवंबर को, परमधर्मपीठीय उर्बान विश्वविद्यालय मिशनरी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार प्रोपागांडा फीदे (विश्वास प्रचार) वाटिकन कार्यालय, की स्थापना के 400 साल पूरे होने के अवसर पर एक सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 16 नवम्बर 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा ग्रेगोरी पंद्रहवें द्वारा लोगों के सुसमाचार प्रचार के लिए गठित धर्मसंघ की स्थापना के चार सौ साल पूरे हो गये हैं, जो पहले विश्वास के प्रचार के लिए पवित्र धर्मसंघ या केवल प्रचार प्रसार के रूप में जाना जाता था।

यह वाटिकन की मिशनरी गतिविधि के लिए जिम्मेदार कार्यालय था और यह इस साल की शुरुआत तक बना रहा, जब संत पापा फ्राँसिस ने रोमन कूरिया में सुधार के दौरान, इसे नवीन सुसमाचार प्रचार के लिए के लिए बने विभाग में शामिल किया।

इसकी 400 साल की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए, बुधवार, 16 नवंबर से रोम में परमधर्मपीठीय उर्बान विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

सतत विकास

मंगलवार को वाटिकन प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुसमाचार प्रचार विभाग के प्रमुख मोन्सिन्योर कैमिलियुस जॉनपिल्लई ने धर्मसंघ के इतिहास की जानकारी दी।

श्रीलंका के पुरोहित ने अपने 400 साल के इतिहास में कार्यालय के निरंतर विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मूल रूप से कलीसिया की मिशनरी गतिविधि को संत पापा के सीधे नियंत्रण में लाने के लिए धर्मसंघ की स्थापना की गई थी। पहले, यह स्पेन और पुर्तगाल के शासकों द्वारा प्रशासित किया गया था।

तब से, इसमें कई तरह के बदलाव हुए हैं। मोन्सिन्योर जॉनपिल्लई ने बताया कि विशेष रूप से धर्मसंघ पर विकास धर्मसंघ के पहले सचिव मोन्सिन्योर फ्रांचेस्को इंगोली के समय हुआ, साथ ही द्वितीय वाटिकन परिषद का प्रभाव, कलीसिया के मिशनरी प्रकृति पर शिक्षण "कलीसिया की मिशनरी गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक था।"

1967 में, विश्वास के प्रचार हेतु पवित्र धर्मसंघ का नाम बदलकर लोकधर्मियों के सुसमाचार प्रचार हेतु धर्मसंघ रखा गया।

2022 में, रोमन कूरिया के लिए संत पापा फ्राँसिस के नए संविधान, प्रेदिकाते इवांजेलियुम के जारी होने के साथ, इसकी गतिविधियों को नवीन सुसमाचार प्रचार विभाग में समाहित कर लिया गया।

वैश्विक सम्मेलन

16 से 18 नवंबर तक परमधर्मपीठीय उर्बान विश्वविद्यालय में हो रहे सम्मेलन में पांच महाद्वीपों के नौ देशों से चौबीस वक्ता शामिल होंगे।

ऐतिहासिक विज्ञान के लिए परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष फादर बर्नार्ड अर्दुरा, ओ. प्रेम ने कहा कि प्रस्तुतकर्ताओं को "कालानुक्रमिक" और "भौगोलिक" विविधता दोनों को सुनिश्चित करते हुए चुना गया था।

उन्होंने कहा, "कालानुक्रमिक" विविधता का मतलब था कि प्रोपागांडा फीदे के इतिहास की सभी अवधियों को कवर करने के लिए पर्याप्त विशेषज्ञता वाले विशेषज्ञों को चुनना, जबकि "भौगोलिक" विविधता दुनिया के सभी हिस्सों से बोलने वालों का चयन हो। फादर अर्दुरा ने कहा, इनमें से कुछ प्रस्तुतकर्ता विद्वान होंगे, जबकि अन्य मिशनरी होंगे। प्रत्येक वक्ता के योगदान के रिकॉर्ड के आधार पर दस्तावेज़ प्रकाशित होगा तो हमारे पास इन चार शताब्दियों के इतिहास की एक प्रकार की पुस्तिका होगी।

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16 November 2022, 16:00