इटली के काथलिकों से पोप : भाईचारापूर्ण प्रेम से एक साथ आगे बढ़ें
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 25 मार्च 2023 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को मिलान महाधर्मप्रांत के रो पल्ली के विश्वासियों से वाटिकन में मुलाकात की जो तीर्थयात्री के रूप में रोम आये हैं।
संत पापा ने इस बात पर गौर करते हुए कि कलीसिया अनेक सदस्यों से बनी है, और सभी सदस्य एक-दूसरे की सेवा में समर्पित हैं एवं सभी ख्रीस्त के प्रेम से प्रेरित हैं, उन्होंने विश्वासियों को याद दिलाते हुए कहा कि विविधता की इसी सुन्दरता और समृद्धि तथा एकता के साथ वे येसु को दुनिया को दे सकते हैं। उन्होंने कहा, “यह सबसे प्रभावशाली माध्यम है जिसके द्वारा आप शब्दों से पहले सुसमाचार का प्रचार कर सकते हैं।” संत पापा ने उन्हें भाईचारा, प्रेम और एक-दूसरे के प्रति विश्वास के रास्ते पर एक साथ आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।
उन्होंने कहा, “मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि भाईयों और बहनों के रूप में एक साथ आगे बढ़ें क्योंकि भाईचारा लोगों को स्वतंत्र और प्रसन्नचित बनाता है।” पल्ली महत्वपूर्ण है क्योंकि यही वह स्थान है जहाँ येसु का अनुसरण करते हुए हम एक-दूसरे को पहचानते, विभिन्न पीढ़ियों, संस्कृतियों एवं सामाजिक परिस्थिति के लोगों के साथ मिलकर एक-दूसरे का भार हल्का करते और सकारात्मक चीजों को बांटते हैं।
संत पापा ने कहा कि जब हम इसे भूल जाते हैं, तो क्षितिज संकुचित हो जाता है और हम अधिक अकेलापन महसूस करते हैं। जैसा कि हम अपने शहरों में देख सकते हैं।
विविधताओं को स्वीकार करना एवं सम्मान देना
उन्होंने कहा, “प्यार करने का अर्थ है अपनी परिधि बढ़ाना, विश्वास एवं स्वीकृति में एकता का निर्माण करना, एक साथ काम करना एवं एक आम बिन्दु और अवसर की खोज करना ताकि समुदाय का निर्माण किया जा सके, न कि विभाजन।” पल्ली को हमेशा विविधताओं का सम्मान करने एवं स्वागत करनेवाला होना चाहिए।
पुरोहितों को याद दिलाते हुए संत पापा ने कहा, “मांगने और पुकारने से लोग कभी न थकें और हमें उनके लिए अपने दरवाजों एवं खिड़कियों को खोलने से कभी नहीं थकना चाहिए। आप इसी के लिए पुरोहित हैं, आप इसी के लिए पारिश परिसर में रहते हैं कि आप द्वार खोलें, खिड़कियाँ खोलें, मुस्कान के साथ स्वागत करें।(...) यही पल्ली की देखभाल की प्रेरिताई है।"
संत पापा ने गपशप करनेवालों को पुनः चेतावनी दी जिसके बारे उन्होंने कहा कि पल्लियों में “एक बड़ा शत्रु है।” उन्होंने कहा कि यह एक महामारी है जो पल्लियों, परिवारों और कई चीजों को नष्ट कर देता है।"
पीढ़ियों के बीच वार्ता
अपने संदेश के अंत में संत पापा ने रो पल्ली समुदाय को मिलान के महाधर्माध्यक्ष संत चार्ल्स बोरोमियो की आध्यात्मिक विरासत को जीवित रखने के लिए धन्यवाद दिया जिन्होंने 16वीं शताब्दी में महामारी एवं इटली में सुधार के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
उन्होंने बड़ों को प्रोत्साहित किया कि वे पिछली पीढ़ियों से प्राप्त परंपरा को जारी रखें, अपनी प्रतिबद्धता और गवाही से समृद्ध हों, और युवाओं को अपने बड़ों के साथ बात करने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे नए क्षितिज की ओर देखते हुए उनसे "ताकत प्राप्त" कर सकें।
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