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2018.10.09 धर्माध्यक्षीय धर्मसभा 2018.10.09 धर्माध्यक्षीय धर्मसभा 

धर्माध्यक्षों की महासभा की तैयारी आयोग की स्थापना

सिनॉड के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच ने अक्टूबर में होनेवाली महासभा की तैयारी हेतु सात सदस्यों के साथ एक तैयारी आयोग का गठन किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

महासभा की तैयारी हेतु सात सदस्यों से गठित आयोग में एक धर्मबहन भी शामिल हैं। वे एक मरसिडेरियन धर्मबहन हैं। उनका नाम सिस्टर शिजुए फिलो हिरोता है और वे जापान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की शांति एवं न्याय समिति में एक सलाहकार हैं।

तैयारी आयोग का गठन सिनॉड के ढांचे पर प्रेरितिक संविधान एपिसकोपालिस कोमुनियो के अध्याय 10, अनुच्छेद 1-2 के अनुसार किया गया है।

सदस्य

आयोग के अन्य सदस्य हैं : जेस्विट फादर जाकोमो कोस्ता, वे संयोजक का कार्य करेंगे; ऑस्ट्रेलिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष एवं पेर्थ के महाधर्माध्यक्ष तिमोथी जॉन कोस्तेलोए; टेक्सास से ब्राऊन्सविले के धर्माध्यक्ष डानिएल ई. फ्लोरेस; मोजाम्बिक के धर्माध्यक्ष लुचो ए. मुवांदुला; रोम के परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फादर दारियो विताली; और सिनॉड के सचिवालय स्टाफ के सदस्य पोलिस मोन्सिन्योर थोमस त्राफनी जो आयोग में एक सचिव के रूप में कार्य करेंगे। लक्ज़मबर्ग के कार्डिनल जॉन-क्लाउडे होलेरिक भी आयोग के काम में भाग लेंगे।

विश्वस्तर पर माता मरियम से प्रार्थना

सिनॉड के सचिवालय द्वारा यह भी प्रस्ताव रखा गया है कि बुधवार 31 मई को धन्य कुँवारी मरियम की अपनी कुटुम्बनी एलिजाबेथ से भेंट की स्मृति दिवस पर, 16वें धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की तैयारी हेतु विश्वस्तर पर माता मरियम से प्रार्थना की जाएगी।  

इसका उद्देश्य है, "ईश्वर की प्रजा को चल रही प्रक्रिया के महत्व से अवगत कराना और विश्वासियों से प्रार्थना में साथ देने का आग्रह करना" तथा कलीसिया की पूरी सिनॉड प्रक्रिया, विशेषकर महासभा को माता मरियम के संरक्षण में समर्पित करना।"

गहन प्रार्थना का समय

कार्डिनल ग्रेच ने पूर्वी कलीसिया के धर्मगुरूओं एवं धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया है कि वे एक गहन प्रार्थना के लिए समय निकालें जो विश्वभर के मरियम तीर्थस्थलों में लोकप्रिय भक्ति की सुन्दरता को प्रकट करेगी।  

तीर्थस्थल का चुनाव देश के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के द्वारा किया जाएगा। प्रार्थना में लोकधर्मियों, पुरोहितों एवं धर्मसमाजियों सभी की सहभागिता होनी चाहिए।

धर्मप्रांतीय धर्माध्यक्ष के साथ सहमति से अलग-अलग पल्ली समुदायों को भी धर्मसभा के कार्य के लिए उस दिन प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया जाता है।

 

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16 March 2023, 15:49