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कहानी

‘लौदातो सी’ मंडल : गरीबों एवं सृष्टि की सेवा करने का उपहार

फरवरी 2019 से, संत फ्राँसिस द्वारा पवित्र किये गये स्थल में, लोगों के एक छोटे दल ने वैश्विक काथलिक आंदोलन शुरू किया है। इसकी शुरूआत प्रेरितिक विश्व पत्र लौदातो सी के आलोक में सृष्टिकर्ता एवं अपने पड़ोसियों के बीच संबंध गहरा करने के लिए किया गया है। इस दल के द्वारा, कई पहल एवं सहयोग के कार्य शुरू किये गये हैं जिनमें से एक है कासा रेजिना देल्ला पाचे (शांति की रानी का घर) जिसमें गरीबों की मदद और ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना की जाती है। अंतोनिनो कास्केत्तो ने इसके बारे विस्तार से बतलाया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

हम सभी "ईश्वर के साधनों" के रूप में सृष्टि की देखभाल में अपना सहयोग दे सकते हैं, हरेक अपनी "पहल एवं क्षमता" से मदद कर सकता है। इताली वैश्विक काथलिक जलवायु आंदोलन (जीसीसीएम) के कार्यक्रम निदेशक तथा असीसी में लौदातो सी मंडल के नेता अंतोनिनो कास्केत्तो को प्रेरितिक विश्व पत्र लौदातो सी में आमघर की देखभाल करने हेतु संत पापा फ्राँसिस के इन्हीं शब्दों से प्रेरणा मिली। सिसलिया के मूल निवासी अंतोनिनो एक वास्तुकार हैं और इस समय अपनी पत्नी एवं दो बच्चों के साथ उम्ब्रिया में रहते हैं। वे कहते हैं कि लौदातो सी का परिच्छेद 14 उनके लिए अधिक प्यारा है। पर्यावरण संकट पर दक्षिण अफ्रीका के धर्माध्यक्षों के 1999 के प्रेरितिक वक्तव्य का हवाला देते हुए वे कहते हैं कि "ईश्वर का वरदान हम सभी को प्राप्त हुआ है – जिसके द्वारा आज हमें चाहिए कि जो क्षति हमने ईश्वर की सृष्टि को पहुँची है उसका मरम्मत करें।"

वैश्विक काथलिक जलवायु आंदोलन

अंतोनिनो के लिए पोप द्वारा कार्य करने के निमंत्रण का अर्थ “पर्यावरण को हुए नुकसान को कम करने के लिए व्यावसायिक परियोजनाओं को लागू करना केवल नहीं बल्कि उससे बढ़कर एक बुलावा है पहले से निहित आग को पुनः प्रज्वलित एवं पोषित करने के लिए।

अपने अतीत के अनुभव, शरण की खोज करनेवालों को इटालियन पढ़ाने, असीसी में टूर गाईड होने और 2018 के वैश्विक काथलिक आंदोलन में भाग लेने आदि के द्वारा असीसी में लौदातो सी मंडल की शुरूआत हुई। यह दल ऐसे लोगों से बना है जो 2015 में प्रकाशित प्रेरितिक पत्र के आलोक में, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिक संकट का तत्काल हल करने की आवश्यकता से प्रेरित होकर, सृष्टिकर्ता एवं एक-दूसरे के साथ अपने संबंध को विकसित करने हेतु नियमित मिलते हैं। 

लौदातो सी, असीसी
लौदातो सी, असीसी

एक नेटवर्क बनाने के लिए जुड़ना

लौदातो सी मंडल का मुख्यालय त्याग तीर्थालय – संत मरिया मेज्जर पल्ली में है जहाँ संत फ्राँसिस ने अपने सभी वस्तुओं का त्याग किया था, यहाँ तक कि अपने पहने हुए वस्त्र का भी त्याग कर किया था। वहाँ धन्य कार्लो अकुतिस के अवशेष को भी स्थापित किया गया है। मंडल ने असीसी में दोनों संगठनों को जोड़ने के लिए एक नेटवर्क बनाया है जिसको आमघर की देखभाल के लिए समर्पित किया गया है। इस नेटवर्क के साथ इटली एवं पूरे विश्व के 500 सदस्य जुड़े हैं।  

अपने आध्यात्मिक पिता फादर कार्लोस अकाचो गोंजालोस फेर्रेइरा की मदद से अंतोनिनो ने वाटिकन न्यूज से मंडल की स्थिति की जानकारी दी। मंडल में सामान्य रूप से 15 प्रतिभागी हैं जो आपस में अपने अनुभवों को साझा करते हैं। मंडल तीन स्तंभों पर आधारित है। पहला है – प्रार्थना, जो सचेत करता है जब हम आसपास के सौदर्य पर चिंतन करते हैं, साथ ही, हमें चुनौती देता है कि हम पृथ्वी की पुकार सुनें, गरीबों की कराह सुनें। अपने आप पर चिंतन का भी समय है, उसके बाद कार्य एवं प्रस्ताव है। मंडल एक मंच बन गया है जिसमें सभी जानकारी प्रदान करते हैं- उदाहरण के लिए, डिटर्जेंट के प्रयोग, प्लास्टिक के प्रयोग, मांस को बर्बाद दिये जाने के बारे में और उसके बाद चिंतन एक ठोस कार्य में परिणत हो जाता है।  

इस प्रकार मंडल एक प्रयोगशाला बन जाता है जहाँ उदाहरण के लिए डिटर्जेंट का निर्माण रसायन का प्रयोग के बिना किया जाता है। वे याद करते है कि पिछले साल चालीसा को - 'गैर-जिम्मेदार उपभोक्तावाद से उपवास' को समर्पित किया गया था - पल्ली में एक मिस्सा के बाद, मांस के उत्पादन से उत्पन्न कार्बन पर एक वीडियो पेश किया गया, जिसके कारण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है। उन्होंने बतलाया कि बच्चों के सहयोग से प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने के लिए एक ब्लॉग तैयार किया गया है।

लौदातो सी, असीसी
लौदातो सी, असीसी

शांति की रानी आवास

अंतोनिनो विवि लौदातो सी (लौटातो सी दीर्घायु हो) शीर्षक की किताब के लेखक भी है जिसमें संत पापा के प्ररितिक विश्व पत्र पर फ्राँसिसकन आध्यात्मिकता को दर्शाया गया है। वे लौतादो सी के संचालकों को प्रशिक्षण देते हैं जो समग्र पारिस्थितिकी के आह्वान से प्रेरित हैं और समुदाय की सेवा हेतु अपने को समर्पित किया है। कास्केत्तो याद करते हैं कि असीसी के मंडल की गतिविधियों के बीच विभिन्न संगठनों में सहयोग है खासकर, शांति की रानी आवास में, जो जरूरतमंद, गरीब, बेघर एवं तीर्थयात्रियों का स्वागत करता है। उन्होंने कहा, "हमने एक साथ एक प्रक्रिया शुरू किया है जो एक ठोस कार्य का निमंत्रण देता है।" उन्होंने बतलाया कि आवास का प्रबंध दो महिलाओं के द्वारा किया जाता है। दोनों में दूसरों की सेवा करने और लोगों का स्वागत करने के लिए अपने आपको समर्पित करने की बड़ी चाह है। तित्सियाना बेरगामो की है जिनकी अमाजोन की पारिस्थितिकी से जुड़ी एक सुन्दर कहानी है। उसने अपनी सम्पति शांति की रानी आवास को सौंप दिया है। दूसरी महिला का नाम रोसारियो है। वह एक प्रार्थनामय महिला है। अतिथियों का स्वागत करना लौदातो सी मंडल के सदस्यों का सबसे महत्पूर्ण कार्य है। हर रोज दर्जनों अतिथियों का स्वागत किया जाता है और कभी कभी 15 से 20 तीर्थयात्री आ जाते हैं।   

सितम्बर 2020 के, सृष्टि के काल में वाटिका का उद्घाटन किया गया। अंतोनियो याद करते हैं, "हमने इस वाटिका को शांति की रानी आवास की जमीन पर जीवन दिया। हम एक साथ काम करते हैं और जरूरतमंद लोगों एवं मंडल के सदस्यों के साथ उपज साझा करते हैं।

इस पहल के पीछे का विचार एक बार फिर “प्रचार” का थाः वे लोगों जो इस भूमि में कार्य करते हैं वे दूसरे जो कार्य नहीं करते उन्हें प्रभावित करेंगे जो कार्य करने के बगैर ही धरती की ऊपज का उपभोग करते हैं, अंनतोनियो हमें बतलाते हैं। “हम प्रशिक्षण प्रणाली को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें विद्यालय, पल्लियाँ और तीर्थयात्री शामिल हैं। उदाहरण के लिए पिछले गर्मी के दिनों में तीर्थयात्रियों का एक दल बागवानी के कार्य में संलग्न हुआ- जिसमें करीबन 15 युवा लोग पोदेनोने से आध्यात्मिक यात्रा हेतु सन दमियानो आये थे। वे बहुत दिन तक हमारे साथ रहे और हमें सेवा की आशा जताई। उन्होंने आधे दिन तक खेतों में कार्य किया औऱ खेतों में जैतून के पेड़ रोपे जो उनके यहाँ आने की यादगारी के रुप में रही।”

लौदातो सी, असीसी
लौदातो सी, असीसी

अन्तरधार्मिक वार्ता

आस्सीसी मंडल के लिए सृष्टि का समय एक “विशेष समय” था। अंतोनियो कासेकेतो कहते हैं कि वे उस समय के प्रभाव को अब भी अनुभव करते हैं। “आस्सीसी के धर्माध्यक्ष, दोमेनिको सोरेतिनो और दूसरे समुदायों, एगलिंकन और आर्थोडक्सो के संग एक अंतरधार्मिक प्रार्थना का आयोजन किया गया था। यह आस्सीसी तथा कन्नारा और खास कर पिन्डारिका की ओर से संयुक्त प्रयास था जहाँ फ्रांसिस के पंछियों को उपदेश दिया। हम कलीसिया के खमीर होने की चाह रखते हैं यद्यपि हममें विभिन्नता है। जब हम एकजुट होते तो यह जरूरी है कि इसे साल भर कायम रखा जाये। इस अंतरधार्मिक वार्ता का फल यह हुआ कि दूसरे संगठनों के बीच और पौधे वितृत किये गये जो सामान्य घर कि देख-रेख हेतु कार्य करते हैं।” यह कार्य निष्ठापूर्ण तरीके से आज भी जारी है जिसे हम ईश्वर के माध्यम स्वरुप आपसी सहयोग में करते जैसे कि संत पापा फ्रांसिस हमें आहृवान करते हैं।

(यह वीडियो कोविड-19 के पहले तैयार किया गय़ा जिससे उसका सामना किया जा सके)

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17 March 2021, 18:25