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दिल्ली के लाल किले में आजादी का अमृत महोत्सव दिल्ली के लाल किले में आजादी का अमृत महोत्सव  (AFP or licensors)

भारत ने अपनी आज़ादी का 75वां साल पूरा किया

आजादी के 75वें सालगिरह पर भारत की राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मु ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राजधानी दिल्ली से पूरे देश को संबोधित किया। दिल्ली के लाल क़िले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में मौजूदा वक़्त में देश के सामने खड़ी कई चुनौतियों का ज़िक्र किया।

माग्रेट सुनीता मिज-वाटिकन सटी

रांची, सोमवार 15 अगस्त 2022 (वीआर हिन्दी) : भारत आज आजादी का 75वां सालगिरह मना रहा है। इस मौके पर भारत की राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मु ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राजधानी दिल्ली से पूरे देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति के तौर पर श्रीमति द्रौपदी मुर्मु का देश के नाम यह पहला संबोधन है। उन्होंने कहा कि छिहत्तरवें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर वे देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई देती हैं। ।4 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा, “15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था। उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं। उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन भारत में सांस ले सकें।”

आज दिल्ली के लाल क़िले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अपने भाषण में मौजूदा वक़्त में देश के सामने खड़ी कई चुनौतियों का ज़िक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं जानता हूँ चुनौतियाँ अनेक हैं। मर्यादाएँ अनेक हैं। मुसीबतें भी हैं। बहुत कुछ है। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। हम रास्ते खोजते हैं। लेकिन दो विषयों की चर्चा मैं यहाँ करना चाहता हूँ। चर्चा अनेक विषयों की हो सकती है, मगर समय की कमी की वजह से मैं केवल दो विषयों पर चर्चा करना चाहता हूँ। "एक है- भ्रष्टाचार और दूसरा है- भाई-भतीजावाद, परिवारवाद।”

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने भाई-भतीजावाद और परिवारवाद पर जिक्र करते हुए कहा परिवारवाद की वजह से देश में योग्यता की क़द्र नहीं हो पा रही है। देश की संस्थाओं को परिवारवाद और भाई-भतीजावाद से बचाने के लिए इसे लेकर "एक नफ़रत पैदा करनी होगी, जागरुकता पैदा करनी होगी।"

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15 August 2022, 16:42